Yogi_adityanath_ Exclusive: हम बता दें इन दिनों देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में विधानसभा सत्र चल रहा है। और वर्तमान सत्र में मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ जी का एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसमें योगी संभल हिंसा और 46 साल पहले बंद हुये मंदिर कि बात कर रहे हैं।
तो आइये देखते है क्या है पूरा मामला ये बात उन दिनों कि है जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री जनता पार्टी के सदस्य राम नरेश यादव की सरकार थी, ये सरकार उस समय के कुछ मुख्य दल के गठजोड़ से बनी थी। जिसमें जनता पार्टी, लोक दल, कांंग्रेस, और जनसंघ जैसी पार्टीयां शामिल थी। हम एक बात से और अवगत करवा दें, कि यह वही जनसंघ है, जिसने बाद में वर्ष 1980 को भारतीय जनता पार्टी का रूप ले लिया था।
उन दिनों पार्टी के मुखिया राम नरेश यादव थे। पार्टी के मुखिया होने के साथ-साथ प्रदेश के गृहमंत्री का दायित्व भी श्री रामनरेश यादव के पास ही था। जिनके नियंत्रण में उत्तरप्रदेश का पुलिस विभाग था।
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| sambhal voilence news in hindi/ संंभल हिंसा न्यूज हिंदी में |
क्या है 46 साल पहले हुये दंगो की पूरी कहानी (sambhal voilence news in hindi)
ये दंगा सिर्फ एक अफवाह की वजह से हुआ था जिसमें एक झूठी खबर फैल दी गई थी कि जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद हुसैन की हत्या एक हिंंदू युवक द्वारा कर दी गई है। इसी अफवाह के बाद संभल में दंगो की शुरूआत हुई। इस संंभल दंगों में लगभग 200 से ऊपर हिंदू मारे गये।
हमारे द्वारा संभल हिंसा में पीडि़त कई चश्मदीदों से बात हुई जिसमें भोगेश्वर पाल व कस्तूरी देवी भी थे। जिन्होने बताया कि इस हिंसा में 24 हिंदूओं को जिंद जला दिया गया था, भोगेश्वर पाल जी बताते है कि पिता किशन लाल अपनी पत्नी के साथ शादी की खरीददारी करने के लिये बाजार गये थे। इसी बीच अचानक दंगाईयों की भीड़ आ गई और दंगाईयों की भीड़ देखकर भोगेश्वर पाल के पिता व माता ने छुपने कि कोशिश की पर तब तक दंगाईयों की नजर उनके ऊपर पड़ चुकी थी। मुस्लिम कट्टरपंथियों दंगाईयों ने उनके पिता व माता को अन्य 24 लोगों के साथ जिंद जला दिया बाद में मॉं के हाथ की चूड़ी व अन्य गहने देखकर उनकी पहचान कि गई । हम बात दें कि उस समय कि पुलिस दंगाईयों के खिलाफ एक सबूत नहीं जुटा पाई थी। इस मामले मे लगभग 48 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिन्हे 2010 में सबूत के अभाव में बारी कर दिया गया।
चश्मदीद विष्णु रस्तोगी कि कहानी (sambhal voilence news in hindi)
हमने जब संभल के भूतपर्व निवासी चश्मदीद विष्णु रस्तोगी से बात कि तो उन्होंने बताया कि इस दंगे में कई हिंदू समाज के लोगों की जान गई। खासकर हिंसा का प्रभाव उन क्षेत्रों में ज्यादा था जहां हिंदू आबादी कम और मुस्लिम आबादी ज्यादा थी। इस हिंसा में कई ऐसे भी हिंदू परिवार थे जिन्होंने उन लोगों को शरण दी थी जो किराये के मकान में रहते थे और जिनके पास उस समय रहने की सुरक्षित जगह नहीं थी। श्री रस्तोगी जी ने बताया कि उस समय मकान से ज्यादा लोगों की जान जरूरी थी।
अगर हम संंभल दंगों कि बात करें तो आजादी से लेकर अब तक संभल 16 साम्प्रदायकि दंगे हुये है। 211 हिंदुओं कि मृत्यु हुई है, वहीं मुस्लिम व्यक्तियों कि मृत्यु कि बात कि जाये तो 4 मुस्लिम व्यक्तियों कि मृत्यु हुई है।
मगरमच्छ के आसु बहाने वालों को संभल के हिंदू नहीं दिखते (sambhal voilence news in hindi)
हम बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता व कांग्रेस के नेताओं ने संभल में शाही मस्जिद के सर्वेक्षण में हुई हिंसा व अन्य हिंसक घटनाओं के लिये विधानसभा में चर्चा कि मांग की थी। इस मुद्दे पर निशाना लगाते हुये मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने निशाना साधा ओर बताया कि 1947 से लेकर अब तक 209 हिंदू मारे जा चुके है। पर घडियाली आंसु बहाने वालों ने निर्दोष हिंदुओं कि हत्या के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोला।
संभल हिंंसा के बाद 46 साल बाद खुला 400 साल पुराना मंदिर (sambhal voilence news in hindi)
संभल में एक प्राचीन मंदिर उन दिनों सामने आया जिस दिन संभल के जिलाधिकारी व एसपी कि और से बिजली की जांच कि जा रही थी। उस दौरान अधिकारियों कि नजर इस बंद पड़े मंदिर पर पड़ी और इसे खुलवाया गया। मंदिर खुलने के बाद प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स कि उपस्थिति में मंदिर के आस-पास के अतिक्रमण को साफ किया और मंदिर में साफ-सफाई कर पूजा अर्चना प्रारंभ कि हम बता दें इस प्राचीन मंदिर हनुमान जी कि मूर्ति और एक शिवलिंग देखने को मिला जो कई वर्षो पुराना प्रतीत होता है। मंदिर के खुलने के बाद मंदिर मे श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुुआ है। सब प्रभु कि एक झलक देखने के लिये भीड़ लगाये खड़े हुये है।
वहीं मंदिर के निकट एक कुएं कि खुदाई कि गई जिसमें 15 फीट की खुदाई करने के दौरान तीन प्रतिया मिली जो संगमरमर से बनी थी ये मूर्ति भगवान गणेश, कार्तिकय व मॉं लक्ष्मी जी कि प्रतीत होती है।
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