kon hai vaibhav suryavanshi in hindi. Who is Vaibhav Suryavanshi in hindi

0

Exclusive :- जिस उम्र में बच्‍चें खेलते कूदते है, स्‍कूल जाते है उस उम्र में इस 13 वर्षीय क्रिकेटर ने देश का नाम रोशन कर दिया हैं। जी हां हम बात कर रहें हैं भारत के आज तक के सबसे नव युवा क्रिकेटर कि जिनका नाम Vaibhav Suryvanshi है। जिनको 1 करोड़ 10 लाख की बोली लगाकर राजस्‍थान रॉयल्‍स ने अपनी टीम में शामिल किया हैं हम आपको बात दें कि दुनिया के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 15 वर्ष की उम्र में अपना पहला रणजी ट्राफी का मैच खेलना प्रारंभ किया था वहींVaibhav Suryvanshi की बात करें तो उसने 13 साल की उम्र में रणजी का मैच खेला।

अब देखना यह हैं कि वैभव सूर्यवंशी IPL में क्‍या परफार्मेंस दिखाते हैं। सभी दर्शकों की नजर अब उन्‍हीं पर बनी हुई है।

कौन है ये वैभव सूर्यवंशी......Who is Vaibhav Suryvanshi

Vaibhav Suryvanshi का जन्‍म बिहार के समस्‍तीपुर जिलें में हुआ था इनका जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा  वैभव की क्रिकेट करियर की शुरूआत समस्‍तीपुर के पटेल ग्राउंड में हुई पर वह क्रिकेट को लेकर सही गाइड न मिलने के कारण उन्‍होंने पटना  जाने का फैसला किया और पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा के गाइडंस में क्रिकेट सीखा ।

वैभव ने छोटी सी उम्र में कई रिकार्ड अपने नाम कर लिये उन्‍होंने हेमत ट्राफी में समस्‍तीपुर की तरफ से खेलते हुये और सुपर लीग के रन मिलाकर पूरे बिहार में सबसे ज्‍यादा रन बनाये इसी के साथ ही 1़3 साल और 188 दिन उम्र में अंतराष्‍ट्रीय शतक बनाने वाले वैभव ने सबसे युवा बैट्समैन का खिताब अपने नाम किया।

कौन है वैभव के पिता

वैभव के पिता कि बात कि जाये तो उनका नाम संजीव सूर्यवंशी हैं उन्‍होंने बताया कि  अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिये संजीव ने काफी संघर्ष किये उनसे बात करने पर पता चला कि उन्‍होंने 5 वर्ष की उम्र में ही वैभव को घर में ही क्रिकेट खिलाना प्रारंभ कर दिया था। पर जैसे-जैसे वैभव बड़ा हुआ वैसे ही वैसे उसकी जरूरत बढ़ती गई और वैभव के पिता को महसूस हुआ कि अब इसे किसी अच्‍छे कोच की जरूरत हैं तो उन्‍होंने वैभव  का एडमिशन पटेल ग्राउंड समस्‍तीपुर में करवाया और वह प्रतिदिन वैभव को अपने गांव मोतीपुर से 15 किमी दूर समस्‍तीपुर ग्रांउड क्रिकेट प्रैक्‍टीस के लिये ले जाते थे।

इसी बीच वैभव के पिता का करोबार बंद हो गया जिससे वजह से आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई पर वैभव के पिता ने हार नहीं मानी और वैभव का क्रिकेट के प्रति जूनुन देखते हुये अपनी पैतृक जमीन को बेचकर खर्च निकाला और वैभव को क्रिकेटर करियर के लिये पटना भेजा ।

हम बता दें कि वैभव के पिता को भी क्रिकेट का बहुत शौक था पर उन्‍हें कभी क्रिकेट करियर में मौका नहीं मिला पर आज उनका ये सपना उनके बेटे ने पूरा किया।

वैभव के पिता ने बड़े ही विनम्र शब्‍दों में बोला कि '' वैभव केवल मेरा नहीं पूरे बिहार का क्रिकेटर है।''

बता दें वैभव ब्रायन लारा, युवराज  और पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के काफी बड़े फैन है। उन्‍ही को देखकर उनका जुनून क्रिकेट की और बढ़ा। 

वैभव के पिता मनीष ओझा ने क्‍या कहा।

हमने जब वैभव के कोच मनीष ओझा से बात कि तो उन्‍होंने बताया कि वैभव काफी प्रतिभावान खिलाड़ी है। इतनी सी उम्र इतना कुछ हासिल करना अद्भुत है। जब वैभव पहली बार उनकी एकेडमी में एंट्री ली तब वह देखते से ही समझ गये थे कि वैभव अपने जीवन में काफी अच्‍छा क्रिकेटर साबित होगा और अपने माता-पिता के साथ कोच व सम्‍पूर्ण बिहार का नाम रोशन करेगा। 


उन्‍होंने बताया कि वैभव काफी आक्रमक बल्‍लेबाज हैं और इसी आक्रमक बल्‍लेबाजी के लिये पूरे बिहार में जाने जाते है। 

अब देखना हैं कि वैभव क्‍या प्रदर्शन करते हैं IPL में 

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top