हम नें कई बार न्यूज चैनल, सोशल मीडिया पोस्ट, Youtube आदि में मंदिर कि सम्पति और दिन प्रतिदन चढ़ने वाले दान कि बारे में सुना है हमेशा से कई बार किसी न किसी रूप में मंदिर के धन के ऊपर सवाल उठते रहे हैं।
देश में करीब 9 लाख से अधिक मंदिर हैं और करीब 4 लाख से अधिक मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है। देश के मंदिरों में सरकारी नियंत्रण अंग्रेजों के जमाने से चलता आ रहा है और यह नियंत्रण आजादी के बाद भी जारी है। तमिलनाडु में अभी 45 हजार से ऊपर मंदिर ऐसे हैं जिन्हें हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ दान बदोवस्त कानून के तहत नियंत्रण कर संचालित किया जा रहा है जिनमें 17 जैन मंदिर भी शामिल है।
दिन-प्रतिदिन इस नियम के खिलाफ आवाज उठती रही हैं अभी हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने लगभग 51 मंदिरों को सरकार के नियंंत्रण से बाहर करने कि घोषणा कि जिसके बाद कुछ हिंदू संगठन पूरे देश में मंदिर मुक्त अभियान चला रहें है और निरंतर आवाज उठा रहे हैं और कई बार इस मंदिर नियंत्रण मुद्दे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायरा कि गई है।
और सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ साफ स्पष्ट शब्दों में कहा कि '' मंदिर का संचालन और व्यवस्था करना भक्तों का काम है सरकार का नहीं''।
तो चलाइये हम जानते हैं कि किस मस्जिद के पास कितना धन है।
मोती मस्जिद- आगरा किले में स्थित मोती मस्जिद शाहजहां ने वर्ष 1647 में बनवाना चालू किया था और जो पूरी तरह वर्ष 1954 मे बनके तैयार हुई थी इस मस्जिद के सलाना दान कि बात करें तो इस मस्जिद में लगभग 12 करोड़ से लेकर 24 करोड़ रूपये तक दान सलाना आता है।
मोइनुद्दीदीन चिश्ती (अजमेर)- सूफी संत के नाम से प्रसिद्ध मोइनद्दीन चिश्ती कि दरगाह राजस्थान के अजमेर जिले मे हैं जिन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी पुकारा जाता हैं इनके बारे में कई बात कहीं गई जिसमें इतिहासकार एम.ए खान कि पुस्तक से लेकर मध्यकालीन इतिहास में दर्ज 'जवाहर ए फरीदी' पुस्तक में इनकी कट्टरता का उल्लेख मिलता है शेख अब्दुल हक मुहद्दिस दखलवी ने भी कि मोइनद्दीन चिश्ती को कट्टर इस्लामिक बताया है और अपनी पुस्तक अखबार-उल-अख्यार में सचित्र वर्णन भी किया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट और ऊपर दी गई पुस्तकोंं के मुताबिक मंदिरों में गायों को कटवाना और मंदिरो के अंदर गौ मांस का सेवन करना, मूर्ति भंजन करना, इस्लामिक जिहाद को बढ़ावा देना, धर्मांतरण, और उनके शार्गिद द्वारा हिंदू रानियों का अपहरण करना, हिंदुओं लड़कीओं और महिलाओं का अपहरण करना और मोइनुद्दीन चिश्ती को सौंपना आदि शामिल था इस मस्जिद में सलाना दान लगभग 36 करोड़ रूपये हैं।
और इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रद्धालुओं भारी संख्या में जाते हैं।
हाजी अली दरगााह- मुंबई कि हाजी अली दरगाह का निर्माण सन 1931 में हाजी उसमान रनजीकर के कराया था उस्मान रजनीकर तीर्थयात्रियों के मक्का ले जाने वाले जहाज के मालिक थे और काफी धनी थे यह दरगाह का काफी विशाल है और 4500 मीटर के दायरे में फैली हुई है। इस दरगाह में सलाना लगभग 60 से 80 करोड़ रूपये तक दान प्राप्त होता है।
अलीगढ़ कि जामा मस्जिद - देश में सबसे ज्यादा सोना का इस्तेमाल अलीगढ़ कि जामा मस्जिद में हुआ है इस मस्जिद में लगभग 6 क्वींटल सोने का इस्तेमाल हुुआ है। इस मस्जिद के 17 गुबंद सोने के बनाये गये है। इस मस्जिद को करीब 300 साल पहले कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुुर के शासनकाल में 1724 में बनवाया गया था। ये मस्जिद केवल भारत में नहीं बल्कि पूरे एशिया में सबसे ज्यादा सोना लगने के कारण मशहूर है। इस मस्जिद की सलाना दान लगभग 5 से 6 करोड़ रूपये के आसपास आता है।
मक्का मदीना- ये मुसलमान के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है इसको बनाने में लगभग 100 बिलियन डॉलर का खर्च हुआ था।
यह इमारत 3,65000 वर्ग मीटर में फैली हुई हैं यहां दुनिया की 10 सबसे महंगी इमारतों में से एक है।
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