बांग्‍लादेश हिंसा न्‍यूज हिंदी में बताइये। Today bangladesh violence news in hindi.

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बांग्‍लादेश के वर्तमान प्रधानमंंत्री युनूस कि सरकार को लगभग 5 महीने पूर्ण होने जा रहे है। पर बांग्‍लादेश में हो रही हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही। दिन-प्रतिदिन ऐसे-ऐसे वीडियों सोशल मीडिया में देखने को मिल जाते है। जिनसे  किसी भी इंसान का दिल दहल जाये।

ऐसा ही एक वीडियो कल देखने को मिला जिसमें एक हिंदू परिवार को उनके घर में बंद करके जिंदा जला दिया गया। इसके अतिरिक्‍त ये कट्टर कौम इतनी कट्टरता दिखा रही है जिसकी कोई हद नहीं ।

जबरन हिंदूओं के धर्म परिवर्तन किये जो रहे है।

हम बता दें कि बांग्‍लादेश में जबरन ही हिंदू लड़के-लड़कियों के धर्म परिवर्तन करवाये जा रहे है। और जबरन इस्‍लाम कबूल करवाया जा रहा है। और जो इस्‍लाम न कबूले उसको जान से मारने कि धमकी दी जा रही है। या कई केस में ऐसा देखने को मिला कि जो इस्‍लाम कबूल न करके उसकी  हत्‍या बड़े ही निर्मम तरीके से कि जा रही है। हिंदू बहन बेटियों को जबरन घर से उठाया जा रहा है। यह तक कि इन जहीलों ने शादी सुदा महिलाओं तक को नहीं छोड़ा ।

बांग्‍लादेश हिंसा न्‍यूज हिंदी में बताइये। Today bangladesh violence news in hindi.
बांग्‍लादेश हिंसा न्‍यूज हिंदी में बताइये। Today Bangladesh violence news in Hindi.

हिंदूओ का आर्थिक बहिष्‍कार

बांग्‍लादेश में कई रूपों से हिंदूओं को आर्थिक बहिष्‍कार किया जा रहा है, हिंदूओ की दुकानों से किसी भी प्रकार की साम्रगी ना लेने की मुहिम चलाई जा रही है। और कई वीडियों में ये भी देखने को मिला कि जो मुस्लिम व्‍यक्ति  अगर किसी हिंदू व्‍‍यक्ति के यह से समान लेता है तो उसको मारा पीटा जा रहा है। उसके साथ दुर्व्‍यवहार किया जा रहा है। यह तक की हिंदू कई व्‍यक्त्यिों कि दुकानों में आग तक लगा दी गई जिसका सिर्फ एक वजह थी हिंदू होना। इन लोगों के मन में हिंदूओं कि प्रति इतनी नफरत कहां से आ रही है। ये सोच का विषय है। ये केवल एक देश का हाल नहीं चाहे बांग्‍लादेश हो, या पाकिस्‍तान या फिर अफगानिस्‍तान सब जगह हिदूओं के एक जैसे ही हाल है। 

बांग्‍लादेश में हिंदूओं की जनसंख्‍या

बांग्‍लादेश में हिंदूओ की जनसंख्‍या की बात करें तो वर्ष 1951 मे हिंदूओं की जनसख्‍या 22 प्रतिशत थी। वर्ष 1951 के बाद हिंदूओं कि जनसंख्‍या में काफी गिरावट आई है। जिसका अंदाज इस बात से लगा सकते है कि वर्तमान में बांग्‍लादेश में हिंंदूओ की आबादी 7 प्रतिशत के लगभग है। एक सर्वे के मुताबिक वर्ष 2050 तक हिंदू बांग्‍लादेश से पूरी तरह समाप्‍त हो जायेंगे या तो जबरन उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जायेगा या तो मार दिया जायेगा। पर मै अपने इस लेख के माध्‍यम से पूछना चाहता हूँ कि बांग्‍लादेश में हो रहे हिंदूओं पर अत्‍याचार के खिलाफ अंतराष्‍ट्रीय मानव आयोग ने चुप्‍पी क्‍यो सध रखी है। क्‍या हिदूओं कि जिंदगी महत्‍वपूर्ण नहीं है। अगर फिलीस्‍तीन या फिर कोई अन्‍य इस्‍लामिक देश में किसी भी मुस्लिम पर अत्‍याचार होता है तो अंतराष्‍ट्रीय मानव आयोग तुरंत सक्रिय  हो जाता है । पर बांग्‍लादेश के मुद्दे पर आयोग कि चुप्‍पी हिदूओं पर हो रहे अत्‍याचारों पर कहीं न कहीं समर्थन कर रही है। 

हमेशा हिंदूओं पर हमला क्‍यों

चाहे अपने देश कि बात हो या पड़ोसी देश कि हमेशा हिंदूओं को ही दबाया जाता है। हमने अक्‍सर देखा है जब किसी मुस्लिम बहूल क्षेत्र से किसी भी प्रकार की शोभा यात्रा निकलती है तो उस यात्रा पर तुरंत पत्‍थर बाजी कर दी जाती है। कई बार अवैध हथियारों से हमला कर दिया जाता है। पर जब मुस्लिम झुलूस किसी हिंदू क्षेत्र से निकलता है तो बिल्‍कुल अच्‍छे तरीके से मान और सम्‍मान के साथ बिना किसी रोक टोक के जाने दिया जाता है। कभी-कभी तो लगता है। हम हिंदू अपने ही देश में शरणर्थी है।

शायद इसी वजह से माननीय मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी ने बोला था कि '' एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे और बांटेंगे तो कटेंगे''।

लेखक- श्री अमन कुमार तोमर

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