pachmarhi mai ghumne layak jagah. पचमढ़ी में घूमने लायक जगह।

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Pachmarhi Exclusive:- सतपुड़ा की रानी कहीं जाने वाली पचमढ़ी पूरे मध्‍यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्‍ट्र में भी विख्‍यात है। ये पूरे मध्‍यप्रदेश का एक मात्र हिल्‍स स्‍टेशन है जिसमें 12 माह भीड़ रहती है। यहां की ठंड की बात कि जाये तो ऊंचाई में होने के कारण और जंगल एरिया होने की वजह से इस हिल्‍स स्‍टेशन मे जमा देनी वाली ठंडा होती है। यह तक की यहां गर्मी में ज्‍यादा गर्मी भी नहीं पड़ती । इसलिये अक्‍सर सैलानी घूमने के लिये इस हिल्‍स स्‍टेशन का चुनाव करते हैं। अगर हम भोपाल से पचमढ़ी की दूरी की बात करें तो भोपाल से इस पर्यटन स्‍थल की दूरी लगभग 212 किमी है।

कैसे पहुंच सकते हैं इस‍ हिल्‍स स्‍टेशन तक

अगर किसी सैलानी को पचमढ़ी घूमने जाना हो तो वह ट्रेन के माध्‍यम से पिपरिया स्‍टेशन में उतर सकता है। और वहां से कैब या ट्रैक्‍सी बगैर करके जा सकता है। इसके अतिरिक्‍त कई ट्रैवल टूरिजम कंपनी चलती हैं जिनके द्वारा पचमढ़ी जा सकता है। पचमढ़ी में ट्रेन रूट डायरेक्‍ट न होने के कारण बस का परिवहन का मार्ग उत्‍तम है। जहां पहुंचाने के लिये अधिकतर सैलानी बस का इस्‍तेमाल करते है।

pachmarhi mai ghumne layak  jagah
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पचमढ़ी में घूमने लायक जगह

पचमढ़ी में घूमने के लिये की काफी जगह है। और खास बात ये है कि ये जगह लगभग एक -दूसरे से 2 से 3 किमी की दूरी में है। तो सैलानी के लिये ये अच्‍छी बात है कि ज्‍यादा ट्रैवल नहीं करना पड़ेगा अगर आप के पास अपना खुद का वाहन है, तो आप इसका इस्‍तेमाल कर सकते है। अन्‍यथा पचमढ़ी में जिप्‍सी गाड़ी उपलब्‍ध रहती है जो एक रिजि‍नेवल रेट में आपको पूरा पचमढ़ी भ्रमण करवा सकती हैं। 

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रूकने व खाने कि व्‍यवस्‍था

मेरे अनुभव के अनुसर अगर आप ग्रुप के साथ पचमढ़ी घूमने जाते हैं तो कम बजट में आप मस्‍त Enjoy कर लेंगे। पर अगर अकेले या एक दो लोग जाते हैं तो बजट डगमगा सकता है क्‍योंकि यहां रूकने के होटल व खाना अन्‍य पर्यटन स्‍थलों की तुलना में काफी महंंगा है  इसके साथ-साथ यहां आपातकालीन स्थिति पर उत्‍तम अस्‍पताल की भी व्‍यवस्‍था नहीं है। तो अगर आपकी तबीयत खराब हो तो ऐसी  स्थिति‍ में पचमढ़ी में जाने से बचें। 

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घूमने की जगह

  • चौरगढ़- चौरगढ़ यह भगवान शिव का मंदिर है इस मंदिर को देखने के लिये तीन पहाड़ी चढ़कर जाना पड़ता है, ये स्‍थान अत्‍यंत ऊंचाई पर स्थिति है इसलिये बहुत सुंदर प्रतीत होता है। इस स्‍थान पर जाने के लिये चढ़ाई करने पर लगभग 4 घंटे लग जाते हैं और उतरने में 3 घंटे अगर आपको इस स्‍थान को घूमना हो तो सुबह 7 से 8 वजह के बीच निकल जाइये, और हॉ एक बात और बंदरों से जरूर सावधान रहें क्‍योंकि यहां के बंदर काफी आक्रमक है और दूसरी बात अगर आपको सांस संबंधित बीमारी है या फिर घुटनों में दिक्‍कत है तो इस स्‍थान पर न जाये तो ही अच्‍छा है।  
  • जटा शंकर गुफाएं- ये स्‍थान काफी पवित्र है क्‍योकि ऐसा माना जाता है कि इस गुफा में भगवान शिव भस्‍मासुर के क्रोध से बचने के लिये छिपेथे, ऐसी मान्‍यता है कि इस गुफाओं में एक प्राकृतिक शिवलिंग है। ये स्‍थान लगभग पचमढ़ी बस स्‍टैंड से 2 किमी की  दूरी पर है।  
  • पांडव कैब- पांडव कैब गुफाओं का निर्माण गुप्‍तकाल के दौरान बौद्वों द्वारा बनवाया गया था ऐसा कहां जाता है कि इस गुफाओं में पांडवों ने निवास किया था। इस स्‍थान पर एक छोटी सी पहाड़ी पर 5 गुफा हैं इन्‍हीं गुफाओं के कारण पचमढ़ी का नाम पचमढ़ी पड़ा है। इन गुफाओ की दूरी बस स्‍टेड से 1 किमी होगी।  
  • हांडी खोह- ये पचमढ़ी सबसे गहरी व तंग घाटी है, जिसकी गहराई लगभग 300 मीटर है। ये घाटी इतनी सुंदर है कि जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता दोनो तरफ पहाड़ व हरियाली है। और बीच में कल-कल करते बहते पानी की मधुर आवाज ये पहाड़ी V आकर कि दिखाई देती है। 
  • गुप्‍त महादेव- ये स्‍थान चौरगढ़ जाते समय पड़ता है दूसरे शब्‍दो में कहें तो चौरगढ़ जाने के लिये पहले गुप्‍त महादेव के दर्शन करने पड़ते है। ये स्‍थान काफी पुराना और रमणीय है। इधर आपको जाते से ही का अलग अद्भुत एनर्जी का एहसास होगा।
  • बी फॉल- बी फाल पचमढ़ी की शान कहा जाता है, ये देखने मे ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे दूध धारा बह रही हो अधिक बारिश में इस झरने को बंद कर दिया जाता है। पर अगर आप पचमढ़ी भ्रमण में जाते हैं, तो एक बार बी फाल अवश्‍य जायें और यहां नहाने का लुप्‍त उठायें।
  • धूपगढ़- धूपगढ़ ये पचमढी का सर्वोत्‍तम ऊंचा पाउंट है जहां से आप सनसेट देखने का आनंद उठा सकते हैं इस पाउंट में आप सुबह 9 बजे और शाम को 5 बजे जायें। हां अगर आसमान मे बादल है, तो इस पाउंट में जाने का मतलब  नहीं है। 
  • नागद्वारी- इस पर्यटन स्‍थल तक जाने के लिये लगभग 10 से 12 किमी कि ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ये स्‍थल नागपंचमी के 10‍ दिन पहले खुलता है और नागपंचमी वाले दिन बंद हो जाता है। इस स्‍थल पर नागदेव की पूजा कि जाती है और यहां 10 दिन तक मेला भी चलता है।
  • रजत प्रपात- इसका नाम रजत प्रपात पड़ने पर एक स्‍टोरी ये है, कि ये है कि यह झरना गिरते समय रजत कि परत के समान दिखाई देता है इसलिए इसका नाम रजत प्रपात दिया गया है। इसकी ऊंचाई लगभग 350 मीटर है।
  • अतिरिक्‍त स्‍थल- पचमढी में इन स्‍थलों के अतिरिक्‍त अन्‍य स्‍थल भी है। जहां आप भ्रमण कर सकते है जैसे- पंछी विहार, प्रियदर्शनी पाउंट, बेगम महल, रीछगढ़, राजेंद्र गिरि, अप्‍सरा फॉल, सतपुड़ा राष्‍ट्रीय उधान, डचेस फाल इत्‍यादि।

अगर आप पचमढ़ी घूमने जा रहे हो तो लगभग 5 से 6 लोग जायें तो कुल मिलाकर 15000 हजार में आपकी पूरी ट्रिप पूरी कंप्‍लीट हो जायेगी।  


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