Noida fake protein powder:- जिम वाले ध्यान दें ये नकली प्रोटीन आपके पास भी हो सकता है। जी हां हम बात कर रहे हैं, कि उत्तरप्रदेश के नोएडा में लाखों रूपये का Fake प्राेटीन बनाने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है। इनके पास लगभग 50 लाख रूपये का नकली फूड मटेरियल बरामद हुआ है, जिनसे नकली प्रोटीन का निर्माण किया जा रहा था। इसके अलावा छापामारी के दौरान 40 डिब्बे, लगभग 2200 की मात्र में जिम में उपयोग किये जाने वाले कैप्सूल के डिब्बे व अन्य सामग्री बरामद हुई।
बरामद माल की कीमत लगभग 50 लाख रूपये से अधिक बताई जा रही है। नकली प्रोटीन बनाने वाले आरोपियों पर दिल्ली व इसके आसपास के क्षेत्र में नकली प्रोटीन सप्लाई करने का आरोप लगा है। ये लोग युवाओं को अच्छे प्रोटीन को कम कीमत में देने का दावा करके झांसें में लेते थे और नकली प्रोटीन बेचते थे ये आरोपी अब तक हजारों प्रोटीन के डिब्बे बेच चुके हैं।
इनकी मार्केटिंग का तरीका इतना शक्तिशाली था कि इनके बेचे गये प्रोटीन की सेल महीनों में लाखों रूपये की हो गई थी।
पर इस नकली प्रोटीन का खुलासा तब हुआ जब एक कस्टमर ने इनके उत्पाद उपयोग किया । इस प्रोटीन के उपयोग के बात व्यक्ति के लिवर में इंन्फेक्शन और स्क्रीन इंफेेक्शन जैसी प्राब्लॅम हो गई । इसके बाद पीडि़त ने सेक्टर-63 में पुलिस कम्पलेंट दर्ज करवाई ।
पुलिस का क्या कहना है।
इस विषय पर बात करनें पर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये गिरोह बहुत ही बड़े पैमाने पर सक्रिय था और दिल्ली, हरियाणा व इसके आसपास के क्षेत्रों में नकली प्रोटीन की सप्लाई कर रहा था। नकली प्रोटीन की ब्रिकी से केवल लोगों की सेहत को खतरा न ही था। इसके साथ-साथ ये आरोपी बड़े-बड़े ब्रांड के लेवलों का उपयोग करके प्रोटीन बेच रहे थे। जिससे ब्रांड की भी छवि धूमिल हो रही थी। नकली प्रोटीन बनाने वाले कुछ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वही कुछ आरोपी अभी फरार है जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
नकली प्रोटीन से होने वाले नुकसान
नकली प्रोटीन खाने से पेट फुलना, गैस, दस्त, कब्ज जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कुछ मामलों में तो लिवर इंंफेक्शन, स्क्रीन इंफेक्शन, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी तक हो सकती है। इसलिये हमेशा प्रोटीन लेते समय विशेष ध्यान दें और सही दुकान और सहीं वेबसाइट के माध्यम से ही प्रोटीन लें।
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Noida fake protein news in hindi |
असली व नकली प्रोटीन की पहचान कैसे करें।
- पैकेजिंग चेक करें- नकली प्रोटीन की पैकिंग, असली पैकिंग की तुलना में घटिया क्वालिटी की होती हैं। वही कई बार इसके डिब्बे में टाइपिंग मिस्टेक भी देखने को मिलती है।
- लेबल को पढ़े- प्रोटीन खरीदते समय लेबल में लिखे कन्टेंट को पढ़े और संदिग्ध लगने पर प्रोटीन खरीदने से बचें।
- प्रोटीन की घुलनशीलता (Mixability)- नकली प्रोटीन की घुलनशीलता (Mixability) इतनी अच्छी नही होती जबकि असली प्रोटीन पानी व दूध में नकली की तुलना में जल्दी मिक्स हो जाता है।
- गंध- नकली प्रोटीन की गंध तीव्र और उत्तेजना जनक होती है जबकि असली प्रोटीन की गंध नार्मल व हल्की रहती है।
- बारकोड- कंपनी विशेषकर प्रोटीन उत्पादों में बारकोड देती है, जिसे स्कैन करके उपभोक्ता प्रोटीन की सत्यता को जांच सकता है। अगर बारकोड स्कैन करने पर प्रोडेक्ड की जानकरी नहीं आती तो समझ लेना चाहिए प्रोटीन उत्पाद पूर्णत: नकली है।
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