बच्‍चों के दिमाग में मिले सब्‍जी वाले कीड़े। Bacho ke dimag mein mile sabji wale keede.

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U.P Exclusive- उत्‍तरप्रदेश के बारांबकी मे एक चौका देने वाली खबर सामने आई जिसमें 40 बच्‍चों के दिमाग में मिला सब्‍जी वाला कीड़ा। दरअसल  पूरा मामला यह है कि बारांबकी मे लगातार कुछ बच्‍चों मे मिर्गी और बेहोशी के लक्षण देखने को मिल रहे थे। जिसको देखते हुये जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टर ने बच्‍चों का सीटी स्‍केन करवाया। सीटी स्‍केन करवाने के बाद बड़ी ही चौकाने वाली खबर सामने आई जिसमें बच्‍चों के दिमाग में पत्‍ता गोभी में पाया जाने वाला कीड़ा व उसके अण्‍डो का समूह पाया गया।  

डाक्‍टरों के माने तो पिछले 6 महीने में ऐसे बच्‍चों की संख्‍या लगभग 40 पहुंच गई है। इस तरह की बीमारी सिर्फ छोटी उम्र के बच्‍चों में देखने को मिल रही है जिनकी उम्र 6 से 14 साल बीच है। इन बच्‍चों को लगातार चिकित्‍सक कि निगरानी में रखा गया है। धीरे-धीरे इनकी हालत में सुधार हो रहा है। 

बच्‍चों के दिमाग में मिले सब्‍जी वाले कीड़े। Bacho ke dimag mein mile sabji wale keede.
बच्‍चों के दिमाग में मिले सब्‍जी वाले कीड़े। Bacho ke dimag mein mile sabji wale keede.

ऐसे आये मरीज सामने

दरअसल जिला अस्‍पताल में पदस्‍थ मनोचिकित्‍सक डॉ आरती यादव ने बताया कि मंगलवार के दिन ओपीडी में पिता अपने 10 वर्षीय बच्चें को लाये थे जिसे मिर्गी के दौर पर रहे थे। पर 15 दिन से ऊपर हो जाने के बाद भी बच्‍चे की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसको देखते हुये बच्‍चे का सिटी स्‍केन कराया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि बच्‍चें को न्‍यूरोसिस्‍टी सारकोसिस (एनसीसी) नामक बीमारी है। जिसका मतलब था कि बच्‍चे के दिमाग के अंदरूनी भाग में सूक्ष्‍म कीडे़ व अण्‍डों का समूह है। इन सूक्ष्‍म कीड़ाें ओर अण्‍डों के समूह होने की वजह से बच्‍चें के दिमाग में  सूजन हो गई थी जिसकी वजह से बच्‍चें को मिर्गी के दौड़े पड़े रहे थे और बच्‍चा बार-बार बेहोश भी हो रहा था। रोग समझ में आने पर बच्‍चें का ईलाज कराया गया जिसके बाद उसकी हालत स्‍वस्‍थ है। 

पर सबसे चौकाने वाली बात यह है कि ऐसे और भी केस जिला अस्‍पताल में आये जिनकी जांंच करने पर पता चला कि उनको भी यही एनसीसी की बीमारी है। अस्‍पताल प्रबंधन से बात करने पर पता चला कि ऐसे मरीजों कि संख्‍या लगभग 40 हो गई है।

ये एनसीसी या दिमाग में कीड़े पड़ने की वजह

हमने जब विशेषज्ञों से बात कि तो पता चला कि ये समस्‍या फास्‍टफूड खाने वाले बच्‍चों में बहुत तेजी बड़ रही है। बड़ो की अपेक्षा ये बीमारी बच्‍चों पर काफी तेजी से फैलती है। कोई बच्‍चों का रक्‍त संचार तेज होता है। खासकर पत्‍ता गोभी का सेवन करने वाले बच्‍चों पर इसका प्रभाव अधिक देखने को मिलता है। इसलिये बच्‍चों के माता-पिता को सावधानी बरतानी चाहिए और अगर पत्‍ता गोभी का सेवन कर रहे है तो अच्‍छे से पका कर करें और बच्‍चों को कच्‍ची सब्‍जीयां खाने को न दें। 

प्राणद्यातक हो सकता एनसीसी

अगर चिकित्‍सकों की माने तो अगर इस बीमारी का जल्‍दी से पता ना ही चलें तो या प्राणघातक भी सिद्ध हो सकती हैं ऐसा इस वजह से होता है कि दवाओं से तो कीड़ो को मारा जा सकता है। पर अण्‍डों में कैल्सियम भर जाने कि वजह से होने खत्‍म नहीं किया जा सकता। जिसकी वजह से दिमाग में सूजन होती है और जान भी जा सकती है। 

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