विवेक और सृजना लव स्‍टोरी हिंदी में बताइये। vivek aur sarjana love story in hindi

0

सृजना ओर विवेक की अमर प्रेम कहानी

इस दुनिया में जहॉं लोग एक दूसरे को धोखा देते हैं। वहीं कुछ लोग मरते वक्‍त भी अमर हो जाते है। जी हां आप सही  समझें हम बात कर रहे है, एक ऐसी ही अमर प्रेम कहानी कि जिसने विश्‍व भर के लोगों की आंखों में आंसु ला दिये। 

नेपाल की इंन्‍फ्लुंसर सृजना दिबेदी और विवेक पंगेनी कि जिनकी मुलाकत स्‍कूल के समय एक-दूसरे से हुई थी 6 साल तक साथ रहने के बाद विवेक और सृजना ने जिंदगी भर साथ रहने का फैसला किया और परिणय सूत्र में बंध गये और शादी कर ली और अमेरिका चले गये।

अमेरिका में सब कुछ ठीक ही चल रह था पर तभी विवेक को सर में तेज दर्द रहने लगा। सृजना ने विवेक को डॉक्‍टर को दिखाया।

जहां पता चला कि विवेक को 4 स्‍टेज का कैंसर है। ये खबर सुनते ही मानों दोनों के पैरों से जमीन खिसक गई हो दोनों फूट-फूट के रोने लगे । कैंसर का पता चलने के बाद और कोई और लड़की होती तो साथ छोड़ देती पर सृजना ने अपना कर्त्‍तव्‍य पूरी तरह निभाया और कभी हार नहीं मानी। उन्‍होंने विवेक की हर तरह से देख भाल की पूरी कोशिश बड़े से बड़े अस्‍पताल में विवेक ईलाज करवाया ताकि विवेक पूरी तरह से ठीक हो जाये पर शायद किस्‍मत को कुछ और ही मंजूर था।

विवेक सृजना लव स्‍टोरी हिंदी में बताइये। vivek sarjana love story in hindi
विवेक सृजना लव स्‍टोरी हिंदी में बताइये। vivek sarjana love story in hindi

सृजना ने विवेक के साथ बिताये हर एक पल को सोशल मीडिया के माध्‍यम से साझा किया । उसने वह तमाम कोशिश कि जिससे विवेक खुश रहें सृजना ने विवेक की काफी सेवा कि कैंंसर के ईलाज के समय थैरेपी के लिये जहॉं विवेक के सर के पूरे बाल हटाये गये तो सृजना ने भी अपने भी बाल कटाव लिये। 

सृजना ने विवेक के हाथों से बिंदी लगावाई विवेक को समय-समय पर घूमाने ले जाना, उसके लिये उसकी मनपसंद चीज बनाना। वो सब किया जिससे विवके को खुशी मिले पर 19 दिसंबर को विवेक का निधन हो गया और वह हम सब को छोड़ कर चले गये। 

विवेक के निधन के समय सृजना बहुत विल्‍लख-विल्‍लख के रोई।अगर कोई भी व्‍यक्ति उस समय का वीडियों देख ले तो उसकी आंखे भर आये। 

वहीं आज के युग सृजना जैसी लड़कीयां भी है विश्‍वास नहीं होता । वहीं कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं जो बिना अपने प्‍यार के लिये संघर्ष किये बिना उनको छोड़ देती है।, कहीं कोई धोखा देती है, या कहीं किसी के पापा नहीं मानते शादी के लिये और बात बंद कर देती है ओर कुछ तो सिर्फ पैसा को महत्‍व प्रदान करती है। पर खैर छोडि़ए सृजना और विवेक के प्‍यार को देखते हुये कहीं न कहीं विश्‍वास होता है कि आज के युग में भी सच्‍चा प्‍यार जिंदा है। 

हम बस इतनी ही प्रार्थना कर सकते हैं कि '' भगवान सृजना को शक्ति प्रदान करे'' और ''विवेक अपने चरणो मे आशीष प्रदान करें''।  

लेखक- अमन कुमार तोमर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top