Sambhal Violence- sambhal हिंसा को बीते अभी चार दिन नहीं हुये थे और इसी बीच आग में घी डालने के लिये कांग्रेस के युवा कहें जाने वाले कद्दवर नेता राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ संभल की और रवाना हुये। लेकिन घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही राहुल गांधी और बहन प्रियंका वाड्रा को योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने गाजीपुर बार्डर पर रोक लिया हम बात दें कि राहुल गांधी और बहन प्रियंंका के आवागमन की खबर मिलते ही पुलिस ने सख्ती दिखाई और गाजीपुर बार्डर पर पर भारी मात्र में पुलिस बल तैनात किया और भारी बैरीगैटिंग कि।
क्या था संभल हिंसा का कारण (sambhal hinsa ka karan.)
दरअसल निचली अदालत के आदेश के बाद 24 नवंबर को ASI की टीम पुलिस के साथ जामा मस्जिद में सर्वे के लिये गई थी जहां पर मुस्लिम पक्ष द्वारा टीम पर पथराव व आगजनी कर दी गई जिसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हुये और 4 लोगों की मौत भी हुई।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक sambhal हिंसा की साजिश पहले से ही सुनियोजित नजर आ रही है जिसमें पाकिस्तान के साथ अन्य पड़ोसी देश का कनेक्शन सामने आया है।
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राहुल गांधी क्यों जा रहे संभल। sambhal hinsa ka karan. |
पाकिस्तान और अमेरिका से आये हुये कारतूसों का इस्तेमाल
उत्तरप्रदेश में हुई sambhal हिंसा में दिन-प्रतिदिन कई हैरान करने वाले खुलासे सामने आ रहे है। जब पुलिस की टीम फारेसिंक टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंची तो पाया कि sambhal हिंसा में पाकिस्तान आर्डिनस फैक्ट्री में बने कारतूसों का इस्तेमाल किया गया था वहीं एक कारतूस यूएसए में बना हुआ था।
इस हिंसा में दंगाईयों ने कई विदेशी हथियारों व गाेला बारूद का भी इस्तेमाल किया जिनसे पुलिस पर फायरिंग की गई थी पुलिस ने इस हिंसा के बीच कई तमंचे व 50 से अधिक कि संख्या में कारतूस व अन्य घातक हथियार बरामद किये। पुलिस ने 10 दिन तक सर्च आपरेशन चलाया जिसमें कारतूस के खौके के साथ अन्य हथियार बरामद किये जिसमें से तीन खाली खौक मस्जिद के पास की नाली में पाये गये।
राहुल गांधी क्यों जा रहे संभल। sambhal hinsa ka karan
क्या है पूरा मामला
ये मामला जब सामने आया जब हिंदू पक्ष के वकील श्री विष्णु शंकर जैन द्वारा न्यायालय में अपील की गई थी कि जिसे मुस्लिम पक्ष जामा मस्जिद बता रही है। वह वास्तव में हरिहर मंदिर है। जिसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने कराया था इसी बीच मुरादाबाद के गजेटियर का बहुत बड़ा दावा सामने आया जिसमें पता चला कि इस मंदिर का निर्माण 1668 में हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा कराया गया था जिसे मुगल आक्रांताओं ने तोड़कर मस्जिद का रूप दे दिया पर आज भी इस तथाकथित मस्जिद में मंदिर के सबूत मिलते है।
इसी की वीडियों ग्राफी करने के लिये टीम न्यायालय के आदेश अनुसार sambhal पहुंची थी जिस पर दंगाईयों द्वारा हमला कर दिया गया।
फिलहाल sambhal हिंसा मामले में न्यायिक जांच चल रही है जिसमें तीन सदस्य टीम का गठन किया गया है और मजिस्ट्रेट सहित हिंसा में घायल हुये पुलिसकर्मीयों के बयान लिये जा रहे है। इस जांच टीम में पूर्व आईपीएस, पूर्व आईएएस, और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज भी शामिल है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान भी आया हैं जिसमें बोला गया है कि sambhal हिंसा में शामिल दगाईयों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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