इन दिनों पश्चिम बंगाल में माहौल काफी गर्म हैं। संदेशखाली कि घटना ने इस आग में पेट्रोल का काम किया है। हम बता दें कि जब से पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी का शासन आया तब से दिन प्रतिदिन हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा है और कहीं न कहीं ममता बेनर्जी पर एक आरोप ये भी लगा कि वहां मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या को बसा रही हैं। जिससे उनका बोर्ड बैंक मजबूत हो जाये।
इसके अलावा ममता बेनर्जी पूर्व में भी काफी सुर्खियों में रही हैं चाहे वाह ''जय श्री राम'' पर भड़काने कि बात हो या फिर पश्चिम बंगाल में होने वाला ''हिंदु उत्पीड़न'' संबंधित घटनायें आये दिन कई वाीडियों सोशल मीडिया में देखने को मिले जाते हैं।
पर आज हम उस मुद्दे पर बात करेंगे जिसने पूरे देश में हड़कम मचा दिया है।
कहां से शुरू हुआ संदेशखाली हिंसा का ये मामला
संदेशखाली का मामला उस समय सामने आया था जब ED टीएमसी नेता शाहजंहा शेख से पूछताछ करने के लिये गई थी और टीएमसी नेता शाहजंहा शेख ED की टीम पर हमला करवा कर फरार हो गया था।
आखिर क्यो जल रहा है बांगाल क्या है ''संदेशखाली का यह मामला''
इसके बाद महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजंहा शेख, ब्लॉक अध्यक्ष शिव प्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार द्वारा किये गये यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया जिसमें एक पाल्ट्री फार्म और अन्य तरीके के अवैध करोबार की भी बात सामने आ रही हैं जो जमीन हड़प के बनाया गया था।
जिस पर गुस्साई महिलाओं की भीड़ ने पोल्ट्री फार्म में तोड़ फोड़ कर दी और महिलाओं द्वारा आरोपियों को जल्द से जल्दी गिरफ्तार करने कि मांंग कि जा रही है और दिन प्रतिदिन प्रदर्शन किये जा रहे है।
इस बीच राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भी इस गंभीरता दिखते हुये मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस भेजा और संदेशखाली में हो रही घटनाओं को ''मानव अधिकारों का उल्लंघन'' बताया और जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही करने कि बात कि और 4 हफ्तों के अंदर रिपोर्ट मांगी कि वहीं महिला आयोग ने भी संदेशखाली में हुई इस घटना पर सख्ती दिखते हुये दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने कि मांग कि।
वही टीएमसी सरकार कि मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी इस विषय पर काफी सुस्त नजर आई बीजेपी ने भी आरोप लगाते हुये कहां कि ममता बेनर्जी कहीं न कहीं शाहजहां शेख को बचाने कि कोशिश कर रही है।
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