pankaj udas dead news in hindi. पंकज उदास कि मौत की न्‍यूज हिंदी में बताइये।

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कल 26 फरवरी का दिन पूरे फिल्‍म जगत के लिये एक बुरा संदेश लेकर आया। गजल गायक पंकज उधास के निधन कि खब़र ने पूरे बॉलीवुड सहित पूरे देश को शौक में डाला दिया पंकज उधास कि बेटी नायाब उधास ने उनके निधन की खबर शेयर कि उधास जी के करीबियों के मुताबिक पंकज जी को कुछ महीने पहले कैंसर हुआ था और कुछ दिनों से किसी  से  मिल भी नहीं रहें थे 10  दिन पहले उधास जी को अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया था।

कल सुबह 11 बजे उधास जी ने आखिरी सांस ली आज उनका अंतिम संस्‍कार किया जायेगा हम बात दें कि पंंकज उधास जी कि उम्र 72 साल थी वहां काफी समय से बीमार भी चल रहें थे।

उधास जी कि बेटी ने दी जानकारी

नायाब उधास ने लिखा कि '' भारी दिल के साथ आपको ये दुखद सूचना देनी पड़ रही हैं कि पद्यश्री पंकज उधास हमारे बीच नहीं रहे।''
नहीं रहे मशहूर गायक Pankaj Udas

                           नहीं रहे मशहूर गायक Pankaj Udas


काफी ध्‍यान रखते थे पिता जी

पंकज उधास जी कि गायक बनने कि कहानी काफी रोचक थी उधास जी का जन्‍म 15 मई 1951 को गुजरात के एक जमींदार परिवार में हुआ था बचपन में उधास जी ने सोचा था कि वह बड़े होकर डॉक्‍टर बनेंगें उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा था कि मैं डॉक्‍टर बनना चाहता था मेरे पिता जी मेरा ध्‍यान रखते थे मेरे पिता जी काफी संवेदनशील थे उन्‍होंने कई बार मुझे कहा कि आप डॉक्‍टर बनना चाहते हैं तो बेशक बनाईये लेकिन जरूर नहीं कि आप डॉक्‍टर ही बनें आप डॉक्‍टर तभी बने जब आपको लगे कि आप डाॅक्‍टर बनना चाहते है।
शायद पिता जी जान गये थे कि मेरी रूचि किस और है  जान गये थे।

पंकज जी ने अपने पहला स्‍टेज परफार्मेंस 1986 में भारत-चीन के युद्ध के दौरान दिया था।

नहीं रहे मशहूर गायक Pankaj Udas

                         नहीं रहे मशहूर गायक Pankaj Udas

हम बात दें कि उधास जी ने अपन पहला स्‍टेज परफार्मेंस भारत-चीन के युद्ध के दौरान 1986 में दिया था जहां उन्‍होंने अपने बड़े भाई मनहर उधास जी के साथ '' ऐ मेरे वतन के लोगों'' परफार्म किया था।
वर्ष 1986 उधास जी के लिये काफी लक्‍की साबि‍त हुआ और उन्‍हें फिल्‍म चिट्टी आई हैं में गाने का मौका मिला इसके बाद उधास जी ने कई सुपरहिट फिल्‍म घायल, मोहरा, साजन जैसे फिल्‍मों में गाना गया। 
पंकज जी को वर्ष 2006 में भारत सरकार ने पद्यश्री के रूप में सम्‍मानित किया ।

पंकज जी के प्रेम कहानी भी काफी फिल्‍मी थी

यह वह दौर था जब पंकज उधास जी ग्रेजुऐशन कर रहे थे वहीं फरीदा एयरहोस्‍टस का काम करती थी। एक दिन पंकज के पड़ोसी ने उनकी मुलाकत फरीदा से करवाई और पहली नजर में उधास जी फरीदा को दिल दे बैठे और इसी तरह उधास जी और फरीदा की मुलाकत का दौर शुरू हुआ पर दोनो के प्‍यार के बीच धर्म की दीवार सामने आ गई फरीदा के पिता रिटायर्ड पुलिस आफिसर थे इसी वजह से पंकज उधास जी मन ही मन काफी डरे हुये भी थे पर उन्‍होंने हिम्‍मत से काम लिया और फरीदा के पिता जी से मिलने चले गये।
पंकज जी की बातों ने फरीदा के पिता जी का दिल जीत लिये और वहां उन्‍हें माने में काय़ब रहें।

कैसी थी उधास जी की पर्सनल लाइफ 

पंकज जी के पिता किसान थे और उनके साथ पंकज जी के दोनों भाईयों को भी गायिकी का शौक था और दोनों भाई भी सिंगर थे । पंकज जी ने फारिदा से शादी कि थी और इनकी दो बेटियां थी जिनका नाम नायाब और रिवा है उधास जी की बड़ी बेटी नायाब बैंड चलाती हैं और वही छोटी बेटी रिवा इस चाकचौंद से दूर रहती थी।     

         

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