क्‍या वक्‍फ की जमीन पर हो रहा है महाकुंभ। The mahaKumbh on Waqf Land.

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 महाकुंभ 2025 Exclusive- महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश को लेकर विवाद थमा ही नहीं था। उसके बाद तुरंत एक विवाद और सामने आ गया। जिसमें मुस्लिम ऑल इ‍ंडिया जमात के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने दावा किया कि जो कुंभ का आयोजन हो रहा है। वह वक्‍फ कि जमीन पर हो रहा है। जिस पर हमने बड़ा दिल दिखाते हुये कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई।

पर वहीं दूसरी और अखाड़ परिषद् व अन्‍य हिंदु संगठन ने महाकुंभ में गैर सना‍तनियों के आने की पाबंदी पर रोक लगा दी है। शहाबुद्दीन ने एक्‍स पर वीडियों को शेयर करते हुये लिखा कि कुंभ मेले कि जहां तैयार कि जा रही है वहां वक्‍फ की जमीन है ।

ये जमीन लगभग 54 वीघा है। पर हमने वक्‍फ जमीन पर किये जा रहे है इस आयोजन पर किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई। हिंदुओ को भी बड़ा दिल दिखाते हुये मुसलमानों को भी कुंभ में प्रवेश देना चाहिए।

वही मौलाना शहाबुद्दीन के इस बयान पर साध्‍वी ऋंंतभरा ने कहा कि महाकुंभ में सभी को आना चाहिये 12 कुंभों के आयोजन के बाद ऐसा महाकुंभ का अवसर आता है। साध्‍वी ऋंंतभरा ने आगे कहा कि जिन्‍होंने धर्म के आधार पर देश के बॉंटा हैं। वे वक्‍फ की साजिश के तहत धीरे-धीरे भारत की जमीन पर कब्‍जा कर रहे हैं।

वक्‍फ की सम्‍पूर्ण सम्‍पत्ति को भारत सरकार को अपने अधीन लेना चाहिए और ये सम्‍पत्ति सरकारी सम्‍पतियां होना चाहिये।


क्‍या वक्‍फ की जमीन पर हो रहा है महाकुंभ। The mahaKumbh on Waqf Land.

महाकुंभ धर्म और पुण्‍य का विषय है इस पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिये। 

वही श्री राम जन्‍म भूमि के मुख्‍य पुजारी आचार्य श्री सत्‍येंद्र दास जी ने इस विषय में कहा कि महाकुंभ का आयोजन इस्‍लाम के अस्तित्‍व से पहले से है। उन्‍हें कुंभ के इतिहास का पता नहीं है। इसीलिए वह कह रहे है कि वक्‍फ की जमीन पर आयोजन हो रहा है जो बिल्‍कुल सच नहीं। 

अब देखना ये है कि इस विवाद का निष्‍कर्ष क्‍या निकलता है। पर हमारी राय ये है कि अखाड़ परिषद् द्वारा किया गया फैसला कहीं हद तक सहीं है। क्‍यो‍कि कई मुस्लिम स्‍थल ऐसे भी हैं कि जहॉं गैर मुस्लिम को जाने कि किसी भी प्रकार अनुमति नहीं है। तो हिंदुओं के समारोह स्‍थल पर मुस्लिमानों कों क्‍यों प्रवेश दिया जाये। 

और मान लीजिये प्रवेश दिया भी जाता है तो इसकी क्‍या गांरटी है आयोजन स्‍थल पर किसी भी प्रकार कि विवाद की स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं होगी। 

लेखक- अमन कुमार तोमर

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