जिसमें प्रशासन कि तरफ से कठोर निर्णय लेते हुये फैक्ट्री मालिक अग्रवाल बंधु तथा एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। और 20 फरवरी तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया और इसके अलावा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग व एनएचआरसी ने भी इस विषय पर स्वत: संज्ञान लिया हैं। जिसमें एनएचआरसी की तरफ से मध्यप्रदेश सरकार को एक नोटिस भेजा गया जिसमें लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कारवाही व ऐसी घटना कि पुन: आवृति को रोकने के लिये उठाए गए कदमों सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
Harda Bomb Factory Video हरदा पटाखा फैक्टी में दिल दहला देने वाला वीडियो
पटाखा फैक्टी मालिक के पास था लायसेंस ।
इस संबंध में जिला कमिशनर पवन कुमार शर्मा का कहना है कि अग्रवाल बंधुओं के पास दो जिला मुख्यालय तथा दो राज्य सरकार के लायसेंस थे। जिसमें राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गये 300 किलो क्षमता के दो लायसेंस थे जबकि कुछ सुत्रों के हवालेे से बताया जा रहा है कि 15 किलो के एक लायसेंस को कुछ समय पूर्व में सस्पेंड कर दिया गया था।
कौन है, दोषी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फैक्ट्री संचालक राजेश अग्रवाल आस पास के छोटे व गरीबों वर्ग परिवार के मजदूरों को कुछ रूपयों का लालच देकर पटाखा बनवाने का काम करवाता था। वर्ष 2021 में लापरवाही के चक्कर में दो मजदूरों की जान गई थी। जिसके दोष में उसे दो साल कि सजा सुनाई गई थी । पर राजेश अग्रवाल को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई और अग्रवाल बंधुओं ने पुन: फैक्ट्री चालू कर दी।
एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने मीडियो रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने पूर्व में अग्रवाल बंधुओं द्वारा सुरक्षा मानकाें का पालन न करने के संबंध में जांच रिपोर्ट कलेक्टर ऋषि गर्ग को सौंपा था जिसमें ऋषि गर्ग ने तत्काल प्रभाव से फैक्ट्री काे बंद करने का आदेश दिया था।
फैक्ट्री के किस भाग से शुरू हुई आग
दुघर्टना घटित पटाखा फैक्ट्री तीन मंजिला थी और जिसमें 32 हॉल थे जिसमें काफी मात्र में विस्फोटक भरे हुये थे। जिसमें अधिकांश रस्सी बम थे। हमारे संवाददता ने जब फैक्ट्री हादसे में जख्मी हुये पीडि़तो से बात कि तो उन्होंने बताया कि आग कि शुरूआत फैक्ट्री के पिछले हिस्से से हुई थी जिसमें काफी समय से धुआं का गुबार उठा रहा था फिर जब आग फैक्ट्री में रखें पटाखों तक पहुंची तो अचानक भयंकर रूप ले लिया और बहुत तेजी से फैक्ट्री में रखे पटाखों में विस्फोट होने लगे अब देखना है जिसके आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी और कुछ किलोमीटर तक भूकंप के झटके भी महसूस किये गये ।
अब देखना यह है कि मध्यप्रदेश मोहन यादव सरकार इस विषय में और क्या निर्णय लेती है।
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